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लेखनी प्रतियोगिता -05-Aug-2023 "वक़्त"

"वक़्त"

ऐ लड़की ....!! 
जाने दे मुझे , 
ज्ञात नहीं
मैं वक़्त हूँ.... 
रुकता नहीं थमता नहीं
ना ही किसी की सुनता हूँ 
फ़िर क्यों पकड़ कर बैठी है मुझे
नादां लड़की क्यों नहीं समझती....!!
क्यों अडी है ज़िद पर, 
जाने दे मुझे...!! 
कैसे जाने दे तुम्हें, 
तुम हर पल के दोस्त हो मेरे
मेरे दर्द में भी हाथ थामा है तुमने
खुशियों में भी खिलखिलाए हो मेरी
मैं.कैसे जाने दे तुम्हें, 
आज सारे घर के किवाड़, खिड़कियाँ
और उनसे झाकती साखियाँ
सब बंद कर देंगे
पर नहीं जाने देंगे तुम्हें....!! 
मुर्ख हो तुम लड़की, 
मेरा उसूल नहीं जानती.... 
कैद कर के कोई रख पाया है मुझे
वक़्त हूँ मैं.... 
ऋषि, मुनि, ज्ञानी आदि कोई रोक पाया है मुझे 
कोई नहीं.... 
तुम असंभव को संभव बनाने में लगी हो, 
ये कैसे भी मुमकिन नहीं... !!! 
यह कैसा उसूल हैं तुम्हारा, 
सबको अपना मोहरा बना लेना
वज़ीर हो तुम..... 
जिस तरफ़ चाहो चाल चलो,
और अपनी वक़्त की मार से मार दो
ये नहीं होने देंगे हम, 
आज हम तुम्हें रोक के ही मानेंगे....!! 
ऐ लड़की..... 
तुम क्यों नहीं समझती , 
पर मैं रुक नहीं सकता... 
सुनो...!! ना मैं अच्छा ना मैं बुरा
ना मैं खुश ना मैं दुखी
ना मैं दिन ना रात
और ना ही मैं किसी को आता नज़र
हूँ मैं लोगों की समझ से परे, 
फ़िर भी तू मुझे ठहर ने को कहती है
मैं कहाँ रुकने वाला
चलना ही तो कर्म है मेरा....!! 
तू मुझपे पहरा लगा रही है, 
नाकाबन्दी कर रही है
क्या ये नामुमकिन है तेरे लिए, 
वक़्त हूँ मैं वक़्त.... 
सुना तूने, 
मैं किसी की भी नहीं सुनता.....!!! 
नहीं.... नहीं... 
नहीं जाने दूँगी तुम्हें, 
भोली लड़की.... 
मत बह भावनाओं में, 
मैं आता जाता रहता हूं 
पर रुकता नहीं, 
समझ लड़की समझ.. 
जाने दे...,, जाने दे....,, मुझे जाने दे, 
खोल सारे दरवाजे और खिड़कियां
मूर्खता ना दिखा....
नासमझ लड़की, 
होने दे अपने से दूर.....!!! 

मधु गुप्ता "अपराजिता"

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8 Comments

सुन्दर सृजन

Reply

बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार🙏🙏

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Reena yadav

06-Aug-2023 08:35 AM

👍👍

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Thank u so much 🙏🙏

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Mukesh Duhan

05-Aug-2023 11:21 PM

Nice ji mam

Reply

जी तह दिल से शुक्रिया 🙏🙏

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